आज 70 के दशक की बेहद खूबसूरत और चुलबुली अभिनेत्री राखी गुलजार (Rakhi Gulzar) की जिक्र करने का मन है. ऐसा नहीं कि आज उनका कोई स्पेशल डे यानि बर्थडे या एनीवर्सरी हो तो हम उन्हें याद कर रहे. हम तो राखी गुलजार (Rakhi Gulzar) की बात इसलिए कर रहे, क्योंकि हमारे बॉस की पसंद हैं ‘करन-अर्जुन की मां’. छोटी सी उम्र में बॉलीवुड में छाप छोड़ने वाली राखी अपने जमाने में हसीन अदाकारा मानी जाती थी. जब उसे पहली बार पर्दे पर देखा तो हजारों दिलों की धड़कने तेज हो गई थीं. बॉलीवुड की अदाकाराओं में शुमार राखी (Rakhi Gulzar) संजू बाबा यानि एक्टर संजय दत्त का दिल भी चुरा बैठी थीं. यह जब हुआ तब राखी (Rakhi Gulzar) ने अपने करियर की शुरूआत की थी. यानि फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया. 20 साल की उम्र में राखी ने बंगाली फिल्म ‘वधू वरण’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा. इस फिल्म को देखने के बाद ही संजू बाबा राखी से Attract हुए और होंगे भी क्यों नहीं? आखिर हमारे बॉस की पसंद ऐसी ही थोड़ी है. तो चलिए जानते हैं हमारे बॉस की पसंद यानि राखी गुलजार के बारे में…
देश की आजाद के होने के चंद घंटे बाद लिया था जन्म
15 अगस्त 1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ, उसके चंद घंटो बाद राखी ने जन्म लिया. पश्चिम बंगाल के रानाघाट में एक बंगाली परिवार में उन्होंने अपनी पहली बार आंख खोली तो उन्हें राखी के नाम से पुकारा गया. बचपन में उन्हे ‘राखी मजूमदार’ के नाम से जाना जाता था, लेकिन शादी के बाद उनकी नाम राखी गुलजार (Rakhi Gulzar) फेमस हो गया. जूता का व्यापार करने वाले की बेटी हैं राखी. आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण गर्ल्स स्कूल से अपनी प्राइमरी स्कूल पढ़ाई की. लेकिन राखी को अभिनय करने काफी शौक था. कहा जाता है कि, राखी के घर के पास एक एक बंगला फिल्म की शूटिंग चल रही थी, जिसमें अभिनेत्री संध्या राय अभिनय कर रही थी. संध्या राय को माछी झोल बहुत पसंद थे और राखी की मां बहुत अच्छा माछी झोल बनाती थी. इस वजह से उनके रिश्ते गहरे हो गए. जो राखी के लिए फिल्मों में एंट्री प्वाइंट बना और यहीं से उन्होंने अपनी पहली बांग्ला फिल्म ‘बधू बरन’ में काम करने का मौका मिला.
16 साल की उम्र में कर बैठीं बड़ी गलती
बंगाली फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत कर राखी (Rakhi Gulzar) फिल्म इंडस्ट्री में अपने कदम आगे बढ़ा रही थीं. उस समय उनकी उम्र 15 से 16 साल के बीच ही थी और इसी दौरान उन्होंने अपने जीवन से जुड़ा बड़ा फैसला ले लिया. जिसकी वजह से वह आज भी पछतातीं है. उन्होंने जो गलत फैसला लिया था, वो उनकी शादी थी. उन्होंने 16 साल की उम्र में ही बंगाली निर्देशक अजय बिस्वास से शादी कर ली, लेकिन रिश्ता नहीं चला और 2 साल में दोनों अलग हो गए. जिसे वो अपनी जिंदगी का सबसे गलत फैसला मानती हैं. क्योंकि शादी टूटने के बाद राखी (Rakhi Gulzar) का असली संघर्ष शुरू हो गया था
1970 में डायरेक्टर ने मार दिया था थप्पड़
साल 1970 में खूबसूरत आंखें और मासूम सी मुस्कान वाली राखी (Rakhi Gulzar) ने हिंदी सिनेमा में एंट्री की. उनकी पहली फिल्म ‘जीवन मृत्यु’ रिलीज हुई, जिसमें वह धर्मेंद्र के साथ नजर आईं. पहली फिल्म से उन्हें सफलता मिली और आगे कई फिल्में भी की. लेकिन, उनकी इस फिल्म की सफलता के पीछे कारण ही अनोखा था. अब आपने दिमाग में आ रहा होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ था, तो हम बता दें कि इस फिल्म के डायरेक्टर सत्यन बोस ने उनमें थप्पड़ जड़ दिया था. क्योंकि, राखी अपने डायलॉग नहीं सही से बोल रही थी और नखरे भी दिखा रही थी. हालांकि इसके बाद वह अपने काम को लेकर गंभीर हो गई. उन्होंने अपने करियर में कई ऐसे फिल्में की, जिन्हें लोग आज भी देखना पसंद करते हैं. जैसे- ‘जीवन मृत्यु’, ‘शर्मीली’, ‘दाग़’, ‘ब्लैकमेल’, ‘कभी-कभी’, ‘तपस्या’, ‘दूसरा आदमी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘बसेरा’, ‘शक्ति’ और ‘करण-अर्जुन’ समेत कई फ़िल्में राखी के खाते में हैं. साल 2003 में उनकी आखरी फिल्म ‘शुभो महूरत’ रिलीज़ हुई, इस फिल्म के लिए राखी (Rakhi Gulzar) को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के राष्ट्रिय पुरस्कार के ख़िताब से नवाज़ा भी गया है. राखी (Rakhi Gulzar) ने अपने फ़िल्मी सफर के दौरान 3 फिल्मफेयर और एक राष्ट्रिय पुरस्कार भी जीता है.
गुलजार के आते ही उजड़ गई जिंदगी
अपने करियर के चरम पर चल रहीं राखी (Rakhi) की जिंदगी में एक दिन गुलजार (Gulzar) आ गए. उन्हें राखी बेहद पसंद थी क्योंकि वह मल्टी-टेलेंट्ड थी. एक फिल्म की पार्टी के दौरान गुलजार और राखी की मुलाकात हुई. गुलजार को शुरू से ही बांग्ला संस्कृति, रीति-रिवाज के प्रति आकर्षण था और इसी कारण वे राखी (Rakhi) की ओर खींचे चले गए. इसके बाद दोनों 15 मई 1973 को शादी के बंधन में बंध गए. इस शादी से उन्हें एक बेटी हुई, जिसका नाम मेघना गुलजार है. कहा जाता है कि दोनों का विवाह एक समझौते पर हुआ था कि राखी शादी के बाद फिल्मों में काम नहीं करेंगी. प्यार में पड़ी राखी तब गुलजार की बात मान गईं. लेकिन, मन ही मन वह उम्मीद लगाए बैठी थीं कि 3-4 साल बाद वह गुलजार को मनाकर फिल्मों में लौट आएंगी, पर ऐसा नहीं हुआ. वह जब भी गुलजार से फिल्मों की बात करती तो वह उन्हें शांत करा देते. वहीं, राखी को फिल्मों में कास्ट करने के लिए उन दिनों बड़े-बड़े प्रोड्यूसर-डायरेक्टर उन्हें ऑफर देते थे. ऐसा ही ऑफर मशूहर निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा ने भी उन्हें दिया, जिसे राखी ने बिना गुलजार से पूछे साइन कर लिया और यही दोनों के अलगाव का कारण बना.
फार्महाउस पर रहकर अकेले काट रहीं जिंदगी
खूबसूरत हीरोइनों की बात जब भी होगी तो राखी गुलजार (Rakhi Gulzar)का नाम भी आएगा. क्योंकि उनकी आंखें और मासूम सी मुस्कान आज भी लोगों के मन में बसी है. लेकिन आज वो शक्ल-सूरत बिलकुल बदल गई है. शायद आप उन्हें अब पहचान भी ना पाए. शक्ल के साथ-साथ राखी गुलजार की अब जिंदगी भी पूरी तरह बदल गई है. 30 सालों तक पर्दे पर प्रेमिका से लेकर मां बनने के सफर तय करने वाला राखी अब पर्दे से दूर हैं और फार्म हाउस पर रहकर एक आम औरत की तरह काम कर रही है. वह किसान की तरह सब्ज़ियां उगाती हैं, बागवानी करती हैं. उनके इस फ़ार्म हाउस में कितने ही किस्म के कुत्ते और बिल्लियों के साथ बहुत से जानवर रहते हैं जिन्हें वह अपने हाथों से खिलाती-पिलाती भी हैं और नहलाती-धुलाती भी. इसके बारे में शायद आपने ना सोचा हो लेकिन उन्होंने इसी काम को अपना पेशा और रोजगार बना लिया है.