आमतौर पर शरीर में मिनरल की कमी तब होती है जब शरीर में आवश्यक खनिज पर्याप्त मात्रा में नहीं होते, जो हड्डियों की मजबूती, तंत्रिका कार्य, और एनर्जी प्रोडक्शन जैसी शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए जरूरी होते हैं। आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और पोटैशियम जैसे खनिज शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। खराब खानपान, अत्यधिक पसीना और बीमारियों के कारण खनिजों की कमी हो सकती है। इन संकेतों को समय रहते पहचानकर समाधान करना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि शरीर में मिनरल की कमी होने पर कौन से लक्षण दिखाई देते हैं:
थकावट और कमजोरी (आयरन की कमी)
आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन कम बनता है, जिससे खून में ऑक्सीजन का संचार प्रभावित होता है। इससे लगातार थकावट, कमजोरी और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। इसके अलावा शरीर में आयरन की कमी हो जाता है जिससे एनीमिया हो सकती है।
मांसपेशियों में ऐंठन (मैग्नीशियम की कमी)
मैग्नीशियम मांसपेशियों के सही कार्य के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से मांसपेशियों में ऐंठन, झटके, या झनझनाहट हो सकती है। यह खासकर एक्सरसाइज के दौरान या रात में होता है।
बालों और नाखूनों का कमजोर होना (जिंक या कैल्शियम की कमी)
जिंक कोशिकाओं की वृद्धि और मरम्मत में मदद करता है, जबकि कैल्शियम बालों, नाखूनों, और हड्डियों को मजबूत बनाता है। इनकी कमी से बाल झड़ना, नाखूनों का टूटना, और घावों का धीमा भरना जैसे लक्षण हो सकते हैं। नाखूनों पर सफेद धब्बे या अत्यधिक बाल गिरना इसके संकेत हो सकते हैं।
अनियमित हृदय गति (पोटैशियम की कमी)
पोटैशियम दिल की धड़कनों को नियंत्रित करता है। इसकी कमी से धड़कनों का तेज होना, या घबराहट हो सकती है। यह अक्सर डिहाइड्रेशन, अत्यधिक पसीना, या दवाइयों के कारण हो सकता है।
हड्डियों में दर्द और कमजोरी (कैल्शियम या विटामिन डी की कमी)
कैल्शियम, जो विटामिन डी के साथ जुड़ा होता है, हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से हड्डियों में दर्द, फ्रैक्चर, या समय के साथ ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। बच्चों में यह रिकेट्स का कारण बन सकता है। इसके साथ मांसपेशियों में ऐंठन और झनझनाहट भी महसूस हो सकती है।
बार-बार संक्रमण होना (जिंक की कमी)
जिंक प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी, श्वसन संक्रमण, या बीमारियों से उबरने में अधिक समय लग सकता है।
झनझनाहट या सुन्नता (कैल्शियम या मैग्नीशियम की कमी)
कैल्शियम या मैग्नीशियम की कमी से तंत्रिका कार्य प्रभावित हो सकता है, जिससे हाथों, पैरों या चेहरे में झनझनाहट या सुन्नता महसूस हो सकती है। गंभीर मामलों में इसके कारण मांसपेशियों में ऐंठन या दौरे आ सकते हैं।
सूजन और तरल पदार्थ का जमाव (सोडियम की कमी)
सोडियम शरीर में तरल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से हाथों, पैरों, या चेहरे में सूजन हो सकती है, साथ ही भ्रम, थकावट, या चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। अधिक पसीना या अत्यधिक पानी पीने से सोडियम का स्तर गिर सकता है।