हर साल श्रावण महीने की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहन के प्यार का त्योहार है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है. हालांकि आजकल तो बहनों की डिमांड होने लगी है. इसीलिए भाई और बहन दोनों ही इस त्योहार की पहले से तैयारियां शुरु कर देते हैं. लेकिन इस बार इन तैयारियों के बीच एक पेंच फंसा है. वो है कि रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) किस तारीख को मनाया जाएगा. क्योंकि इस साल भद्रा होने के कारण दो दिन राखी बांधी जाएगी.
भद्रा काल से कन्फ्यूजन
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) की शुरुआत के साथ यानि 30 अगस्त भद्रा काल भी शुरु हो जाएगा. कहा जाता है कि भद्रा काल में राखी का त्योहार मनाना खराब मना जाता है. इसीलिए रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) को लेकर कन्फ्यूजन है. पंडितों के अनुसार, 30 अगस्त को रात 09 बजकर 02 मिनट भद्रा काल रहेगा. इस समय के बाद ही राखी बांधना ज्यादा सही रहेगा. हालांकि, राखी बांधने के लिए दोपहर का समय शुभ होता है. लेकिन, 30 अगस्त को भद्रा काल होने के कारण राखी बांधना खराब होता है. वहीं, 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है, इस समय भद्रा काल का साया नहीं रहेगा. इसलिए सुबह का समय राखी बांधने के लिए सही रहेगा.
भाई से ज्यादा बहनें करती राखी का इंतजार
हर साल भाई से ज्यादा बहनों को राखी त्योहार को लेकर एक्साइमेंट रहता है. वो एक महीने पहले से शॉपिंग करना शुरू कर देती है. भाई के लिए उसके पसंद की राखी खरीदती हैं. हालांकि, आज के डिजिटल दौर में राखियां खरीदने के लिए महीनों से पहले से शॉपिंग नहीं करते हैं. वहीं, कुछ बहने ऐसी भी होती हैं जो अपने हाथों से अपने भाई के लिए राखियां बनाती हैं. वहीं, भाई बहन की पसंद नहीं भूलता और उसकी पसंद का गिफ्ट देता है.
रक्षाबंधन के दिन रखें ये सावधानी
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार भाई और बहन का प्यार का त्योहार है. इस दिन राखी बांधते समय मुहूर्त का खास ध्यान रखना चाहिए. जब बहन अपने भाई को राखी बांधती है तो उस समय मुंह दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए. क्योंकि दक्षिण दिशा को मृत्यु की दिशा कहा जाता है. राखी बांधते समय भाई को चंदन या रोली का टीका लगाना चाहिए. और चावल का साबुत दाना यूज करना चाहिए. आरती के लिए घी के दीपक उपयोग करें. याद रहे दीपक टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए.
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) क्यों मनाया जाता है?
कहा जाता है कि देवताओं के राजा इंद्र और असुरों के राजा बलि से रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) की कहानी जुड़ी है. दरअसल, असुरों के राजा बलि ने देवताओं पर हमला कर दिया था, जिसकी वजह से इंद्र की पत्नी सची काफी व्याकुल हो गईं थीं. इस युद्ध में देवताओं की जीत के लिए भगवान विष्णु से सची ने मदद मांगी थी. तब भगवान विष्णु ने सची को एक धागा दिया और कहा कि इसे अपने पति की कलाई पर बांधे जिससे उनकी जीत होगी. सची ने ऐसा ही किया तो उस युद्ध में इंद्र की जीत हुई थी. तभी से पुराने समय में युद्ध में जाने से पहले बहनें और पत्नियां अपने भाइयों और पति को रक्षा सूत्र बांधती हैं.