बहुत से लोगों के लिए सुबह बिस्तर से उठना मुश्किल काम हो सकता है। जैसे ही अलार्म बजता है, जोड़ों में जकड़न महसूस होती है, मूवमेंट धीमी हो जाती हैं और कुछ हल्की एक्सरसाइज करने के बाद ही शरीर लचीला हो पाता है। इस समस्या को मॉर्निंग स्टिफनेस (morning stiffness) कहा जाता है, जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन बुजुर्गों, आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों या बैठे-ठाले जीवनशैली वाले लोगों में यह समस्या ज्यादा आम होती है।
सुबह की जकड़न के कारण:
जोड़ों में सूजन: सोते समय शरीर में कुछ केमिकल बनते हैं जो सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, लेकिन कभी-कभी ये केमिकल जोड़ो में जमा हो जाते हैं, जिससे दर्द और जकड़न महसूस होती है।
मूवमेंट की कमी: रात में जब हम सोते हैं तो 6-8 घंटे तक हिलने-डुलने की कमी के कारण मांसपेशियां और जोड़ सख्त हो जाते हैं, जिससे सुबह उठते समय जकड़न महसूस होती है।
पानी की कमी: यदि शरीर में हल्की-सी भी पानी की कमी हो, तो जोड़ों का कुशनिंग फ्लूड (synovial fluid) थोड़ा सूख सकता है, जिससे सुबह उठते ही जोड़ सख्त हो जाते हैं।
सोने की गलत मुद्रा: सोते समय गलत पोजीशन या अनुचित तकिए का उपयोग करने से पीठ, गर्दन और जोड़ों पर दबाव पड़ता है, जिससे मॉर्निंग स्टिफनेस हो सकती है।
बुढ़ापा: उम्र के साथ जोड़ों की लचीलापन कम हो जाता है और मांसपेशियों को रोज़मर्रा के नुकसान से उबरने में समय लग सकता है, जिससे जकड़न की समस्या बढ़ जाती है।
मॉर्निंग स्टिफनेस कम करने के उपाय:
हालांकि सुबह उठने पर जोड़ों में अकड़न सामान्य है, लेकिन इसे कम करने के कुछ आसान उपाय हैं ताकि आप अपना दिन सहजता से शुरू कर सकें।
सोने से पहले और उठते ही स्ट्रेचिंग करें: साधारण स्ट्रेचिंग, जैसे अपने पैरों की उंगलियों तक पहुंचना, शरीर को मरोड़ना, या हाथों को सिर के ऊपर खींचना, मांसपेशियों और जोड़ों को लचीला बनाने में मदद कर सकता है।
नियमित एक्सरसाइज: यह मांसपेशियों को मजबूत करता है, जोड़ो की लचीलापन बढ़ाता है और सूजन को कम करता है। हल्के व्यायाम जैसे चलना, तैराकी और योग जोड़ो को लचीला और मजबूत बनाए रखने में मददगार होते हैं।
पर्याप्त पानी पीना: जोड़ो को चिकनाई प्रदान करने के लिए पानी जरूरी है। रात में सोने से पहले पानी पीने से डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा न पिएं ताकि रात में बाथरूम जाने की जरूरत न पड़े।
हीट थेरेपी का उपयोग करें: सोने से पहले गर्म पट्टी का उपयोग करने से सूजन कम होती है और रक्त प्रवाह बढ़ता है। अगर जकड़न हाल ही की गतिविधि या चोट के कारण हो, तो ठंडी पट्टी (आइस पैक) से सूजन कम हो सकती है।
संतुलित आहार और सप्लीमेंट्स: ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो मछली के तेल में पाया जाता है, जोड़ो के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। हल्दी, अदरक, और हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करना भी मददगार हो सकता है।
हल्की मालिश: हल्की मालिश मांसपेशियों में रक्त प्रवाह को बढ़ाती है, सूजन कम करती है और दर्द से राहत देती है।