Himachal Pradesh Barish: हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश (Barish) का कहर जारी है। इसके चलते प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं। जगह-जगह पानी भर गया है। पूरे प्रदेश में बाढ़ के हालात है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कई लोगों की तो इस बारिश (Barish) में जान तक चली गई है। हिमाचल प्रदेश में बारिश से (Barish) हालात बहुत खराब है। अभी तक पूरे प्रदेश में लगभग 71 लोगों की मौत हो गई है। शिमला में अकेले 21 लोगों की मौत हो गई है। शिमला और कांगड़ा में लगातार बारिश के चलते बाढ़ के हालात बने हुए हैं।
वायुसेना ने पिछले 48 घंटों में बाढ़ प्रभावित कांगड़ा से 780 से अधिक लोगों को बचाया है। दोनों शहरों में एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। IMD ने जानकारी देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से 220 से अधिक नागरिकों को सफलतापूर्वक बचाने के बाद पश्चिमी वायु कमान के हेलीकॉप्टरों द्वारा ऑपरेशन फिलहाल पूरा कर लिया गया है। 72 घंटों में 1,000 से अधिक नागरिकों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बचाया गया है।
71 लोगों की मौत, 500 पेड़ हुए तबाह
शिमला में भूस्खलन के कारण करीब आधा दर्जन इमारतों को खतरा पैदा हो गया है, जबकि कांगड़ा जिले में पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के बाद आई बाढ़ से 1,731 लोगों को बचाया गया है। शिमला के विभिन्न हिस्सों में भी भूस्खलन के कारण कई घरों के ढहने का खतरा मंडरा रहा है। शिमला में बारिश (Barish) के कारण 500 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिमला में एक समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि पिछले चार दिनों में बारिश में 157% की वृद्धि के कारण पूरे राज्य में व्यापक नुकसान हुआ है।
Barish ने किया करोड़ों का नुकसान
आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि लगातार बारिश (Barish) के कारण पूरे जुलाई महीने की तुलना में 13, 14 और 15 अगस्त के दौरान अधिक नुकसान हुआ है। “13 से 15 अगस्त तक तीन दिनों में 71 मौतें हुईं। करीब 7,500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, इसके बढ़ने की आशंका है। पिछले तीन दिनों में, राज्य में 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।” अधिकारियों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में लगभग 800 सड़कें अवरुद्ध हैं और 24 जून से मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य को हुआ नुकसान 7,200 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र से हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और बहाली कार्यों के लिए 2,000 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया है।
राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे
शिक्षा विभाग ने खराब मौसम के कारण बुधवार को राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया था और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने 19 अगस्त तक शिक्षण गतिविधियों को निलंबित कर दिया है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि पारिस्थितिक रूप से नाजुक हिमालय में अवैज्ञानिक निर्माण, घटते वन क्षेत्र और पानी के प्रवाह को अवरुद्ध करने वाली नदियों के पास संरचनाएं लगातार भूस्खलन का कारण बन रही हैं। भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह धर ने कहा, सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण के लिए पहाड़ी ढलानों की व्यापक कटाई, सुरंगों और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए विस्फोट स्लाइड में वृद्धि के मुख्य कारण हैं।