Monkeypox: एमपॉक्स या मंकीपॉक्स चेचक (smallpox) से जुड़ी एक असामान्य वायरस जनित बीमारी है। मंकीपॉक्स असामान्य लेकिन गंभीर समस्या है। आजकल इसके मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। खुद को और अपनी कम्युनिटी को बचाने के लिए इस वायरस को समझना महत्वपूर्ण है। यह भारत के अलावा दुनिया के अन्य हिस्सों में भी पाया गया है। यह एक असामान्य वायरस-इंड्यूस्ड बीमारी है, जो बुखार और ठंड लगने जैसे फ्लू जैसे लक्षणों के साथ दाने का कारण बनती है जिसे ठीक होने में सप्ताह लग सकते हैं। एमपॉक्स आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है, भले ही इसका कोई विशिष्ट उपचार न हो। आइए जानते हैं एमपॉक्स को फैलने से रोकने के उपाय।
मंकीपॉक्स या एमपॉक्स कैसे फैलता है?
मंकीपॉक्स मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति, उसके दाने, शारीरिक तरल पदार्थ ( bodily fluids) या रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के साथ निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है। एमपॉक्स वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में निम्न माध्यम से फैल सकता है:
- एमपॉक्स रोगी के शरीर के स्राव, दाने या पपड़ी के साथ सीधा संपर्क
- संक्रमित व्यक्ति की रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के साथ निकट संपर्क
- कपड़े, बिस्तर, कंबल या अन्य वस्तुएँ जो संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थ या दाने के संपर्क में आई हों
- एमपॉक्स वायरस एक संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे में फैल सकता है
- जानवर एमपॉक्स वायरस को मनुष्यों में फैला सकते हैं
मंकीपॉक्स के लक्षण (symptoms of mpox)
एक्सपोज़र के बाद, आपको लक्षण विकसित होने में कई दिन से लेकर कुछ हफ़्ते तक लग सकते हैं। एमपॉक्स के लक्षणों में बुखार, दाने, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार और थकान शामिल हैं।
इसके लक्षण लाल दाने चपटे या उभरे छाले के रूप में शुरू होते हैं, जिसमें दर्द हो सकता है। ये दाने फफोले में बदल जाते हैं, जो मवाद से भर जाते हैं। अंत में, फफोले पपड़ीदार हो जाते हैं और गिर जाते हैं। पूरी प्रक्रिया दो से चार सप्ताह तक चल सकती है।
मंकी पॉक्स को फैलने से रोकने के उपाय ( ways to prevent mpox)
वैक्सीन
मंकीपॉक्स से बचने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें और उचित वैक्सीन लगवाने से इस गंभीर समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है।
जानवरों के संपर्क से बचें
संक्रमित जानवरों विशेष रूप से बीमार या मृत जानवरों के संपर्क से बचें। माना जाता है कि ये मंकी पॉक्स के वायरस के वाहक होते हैं इसलिए इनसे बचना चाहिए।
सफाई का ध्यान रखें
वायरस से दूषित बिस्तर और अन्य सामग्रियों के संपर्क से बचना चाहिए। उन सभी खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से पकाना जिनमें जानवरों का मांस या उनके हिस्से हों। साफ-सफाई ही उचित बचाव है।
बार-बार हाथ धोएं
अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोना चाहिए। यदि आपने किसी घाव को स्पर्श किया है तो हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना जरूरी है।
लोगों से दूरी बनाएं
ऐसे लोगों के संपर्क से बचना जो वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। उचित दूरी बनाए रखने से वायरस फैलेगा नहीं।
मास्क पहनें दूसरों के आस-पास होने पर अपने मुंह और नाक को ढकने वाला मास्क पहनना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है तो उससे दूर रहें। मास्क