Black Plastic Containers uses:हाल ही में एक ऑनलाइन डिबेट में प्लास्टिक फूड डिलीवरी कंटेनरों के इस्तेमाल की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की गई। माना जाता है कि ये कंटेनर ‘काले प्लास्टिक’ से बने होते हैं, जो हमारी दैनिक जीवन में अपेक्षाकृत अधिक सामान्य है। काले प्लास्टिक का उपयोग फूड ट्रे, कंटेनर और बर्तनों जैसे रोजमर्रा के प्रोडक्ट के निर्माण में किया जाता है। यह अक्सर पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे रीसाइलक्ड मैटेरियल से बनाया जाता है। हालांकि, डेका-बीडीई जैसे पदार्थ प्लास्टिक में मजबूती से बंधे नहीं होते हैं और विशेष रूप से गर्म, तैलीय या अम्लीय खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने पर इसमें रिसाव कर सकते हैं।
क्या काला प्लास्टिक वास्तव में कैंसर पैदा कर सकता है?
संभावित रूप से हां। हालांकि कोई प्रत्यक्ष स्टडी इस संबंध में निश्चित प्रमाण नहीं देता, फिर भी इन कंटेनरों में कई ऐसे रसायन होते हैं जो खाद्य पदार्थ में रिस सकते हैं और गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इनमें से कई रसायन इंडोक्राइन डिसरप्टर होते हैं, जो शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं और कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। विशेष रूप से, इन्हें काला रंग देने के लिए प्रयुक्त कार्बन ब्लैक को कार्सिनोजेन (cancer-causing substance) माना जाता है।
इनके उपयोग से कैंसर कैसे उत्पन्न होता है?
प्लास्टिक से रिसने वाले रसायन कोशिकाओं के सामान्य कार्य में बाधा डालते हैं, और कुछ ज्ञात कार्सिनोजेन्स हार्मोनल नियंत्रण को प्रभावित करते हैं। ये हार्मोनल असंतुलन स्तन कैंसर सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसके अतिरिक्त, काला प्लास्टिक माइक्रोप्लास्टिक छोड़ सकता है, जो हृदय रोग से लेकर कैंसर तक विभिन्न बीमारियों से जुड़ा हुआ है।
क्या काले प्लास्टिक कंटेनरों के उपयोग से परहेज करना चाहिए?
हाँ, निश्चित रूप से। न केवल काले प्लास्टिक खाद्य कंटेनरों का बल्कि घरेलू कार्यों में प्लास्टिक के उपयोग को भी कम करने की सलाह दी जाती है, विशेष रूप से गर्म या ठंडे खाद्य पदार्थों के भंडारण और माइक्रोवेव में उपयोग के दौरान। तापमान में परिवर्तन हानिकारक रसायनों के खाद्य पदार्थ में रिसाव का कारण बन सकता है।
काले प्लास्टिक के सुरक्षित विकल्प क्या हैं?
स्टील और काँच के बर्तन बेहतर विकल्प हैं। भारत में मिट्टी के बर्तनों का भी विकल्प उपलब्ध है, बशर्ते उपयोग की गई मिट्टी में सीसा न हो और उसमें कोई हानिकारक रसायन या रंग न मिले हों।
कैंसर के अलावा काले प्लास्टिक के सेवन से और कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं?
इन प्लास्टिकों में मौजूद रसायन एंडोक्राइन डिसरप्टर होते हैं, जो पीसीओडी, डायबिटीज, थायरॉयड डिसऑर्डर और पुरुषों में प्रोस्टेट जैसी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। बच्चों में इन रसायनों के संपर्क में आने से आईक्यू कम हो सकता है या तंत्रिका विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
प्लास्टिक के संपर्क से कैसे सुरक्षित रहें और कैंसर के जोखिम को कैसे कम करें?
अपने दादा-दादी की जीवनशैली को अपनाएं। स्थानीय, मौसमी और ताजे खाद्य पदार्थों का सेवन करें और बाहरी खाद्य पदार्थों पर निर्भरता कम करें। प्लास्टिक में खाद्य पदार्थों को रखने और दोबारा गर्म करने से बचें। केले के पत्ते, बांस, मिट्टी, स्टील और काँच जैसे सुरक्षित विकल्पों का उपयोग करें।