दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया है. वजह बने खुद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal). दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने वो कर डाला, जो किसी ने सोचा भी नहीं होगा. जी हां, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) बड़े छुपे रुस्तम निकले हैं. उन्होंने जनता की भलाई करने की आड़ में अपनी रोटियां सेक ली हैं. हालांकि, आपको पढ़ने में ये बेहद अजीब और घुमा-फिरा सा लग रहा होगा, लेकिन सच यही है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सीएम बनते ही दिल्ली की जनता के भविष्य की न सोचकर अपने भविष्य की रणनीति बनाना शुरू कर दिया था. इसी का अंजाम है कि वे अपने घर में लाखों के पर्दे लगा पाए. केजरीवाल ने घर के रेनोवेशन के लिए जयपुर या फिर अपने देश भारत से नहीं बल्कि वियतनाम से मार्बल मंगवाया है, जिसका डियोरपर्ल मार्बल है. इसकी मार्बल की कीमत 1,1500790 है. कहा जा रहा है कि अपने बंगले के रेनोवेशन पर केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने लगभग 45 करोड़ रुपये के खर्च किए. 8-8 लाख के तो पर्दे ही लगवाए गए हैं. हालांकि, केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इतना खर्चा अपने निजी घर पर नहीं, बल्कि सरकारी आवास पर किया है. ऐसे में सवाल है कि इसकी जरूरत क्या थी? चलिए अब मुद्दा तो बन ही गया है और राजनीति भी शुरू हो गई है. बीजेपी सहित अन्य विपक्ष पार्टिया केजरीवाल पर जमकर तंज कस रही हैं.
बीजेपी के Arvind Kejriwal पर आरोप
गाड़ी और घर नहीं लेने की बात करने वाले केजरीवाल के घर में 1.15 लाख रुपये से ज्यादा का मार्बल लगा है. इस मार्बल को वियतनाम से मंगवाया गया है. वहीं 8-8 लाख रुपये के पर्दे लगवाए गए हैं. यानि कुल मिलाकर केजरीवाल ने सरकारी आवास के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह जानकारी BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने दी. उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वो लोग हैं जो सीएम पद की शपथ लेने ऑटो में लटककर आए थे. संबित पात्रा ने बंगले की सौन्दर्यकरण की तुलना केजरीवाल की मानसिकता से कर डाली. इतना ही नहीं, बीजेपी ने केजरीवाल पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने मीडिया और अखबारों को खबर नहीं चलाने के एवज में 20-50 करोड़ रुपये दिए. वहीं, दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि, केजरीवाल सरकारी बंगले में नहीं बल्कि शीश ‘महल’ में रह रहे हैं. उन्होंने इसे टोटली भ्रष्टाचार बताया. सचदेवा ने कहा कि बिना टेंडर जारी हुए केजरीवाल 45 करोड़ रेनोवेशन में नहीं लगा सकते.
रेनोवेशन में 45 करोड़ खर्च कैसे हुए?
दिल्ली में केजरीवाल के बंगले के सौन्दर्यकरण को लेकर सियासी हलचल जारी है. बीजेपी आप पार्टी को जमीन दिखाने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रही है. यानि बीजेपी आप के पीछे हाथ धोकर पड़ गई है. पड़े भी क्यों नहीं, लोकसभा चुनाव 2024 जो जीतना है. लेकिन अब सवाल है ये है कि केजरीवाल में रेनोवेशन में 45 करोड़ रुपये कैसे खर्च कर दिए. अभी तक हमने बात सिर्फ पर्दे और मार्बल की बात की थी. तो अब इसी पर बात करते हैं. जानकारी के मुताबकि, अंदर के डेकोरेशन पर 11.30 करोड़ रुपये खर्च हुए. पत्थर और मार्बल फर्श पर 6.02 करोड़ रुपये, 1 करोड़ इंटीरियर कंसल्टेंसी, 2 करोड़ 58 लाख रुपये लाइट फिटिंग और टूल्स, 2.85 करोड़ रुपये अग्निशमन, 1.41 करोड़ रुपये वार्डरोब, एसेसरीज फिटिंग पर और किचन उपकरणों पर 1.1 करोड़ रुपये का खर्च हुए. तो इस तरह पूरे बंगले पर कुल 45 करोड़ रुपये का खर्चा किया गया.
‘आप’ ने दिल्ली की जनता के लिए क्या किया?
आम आदमी बनकर आए केजरीवाल ने दिल्ली में जनता को न्याय दिलाने की आवाज उठाई थी. उन्होंने दूसरों के बेईमान बताकर सत्ता हासिल की थी. हालांकि, उन्होंने दिल्ली की जनता के लिए काफी कुछ किया. उन्होंने बिजली फ्री कराई, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई काम किए. दिल्ली में सबसे ज्यादा सीसीटीवी लगवाए गए. महिलाओं के लिए फ्री यात्रा और टैक्स भी बढ़ाया गया. क्राइम रेट भी थोड़ा कम हुआ. अगर सच कहें तो केजरीवाल ने जनता की साहुलियत के हिसाब कई काम किया. लेकिन वो कहते है न कि आप कितना भी अच्छा करलो, लेकिन आपने एक छोटी सी गलती भी कर दी ना तो फिर आपका अच्छा काम धरा का धरा रह जाता है. ऐसा ही कुछ अरविंद केजरीवाल के साथ हो रहा है. हालांकि, उनकी गलती है या नहीं, यह तय करना थोड़ा मुश्किल है. क्योंकि उन्होंने इतना खर्चा अपने निजी नहीं बल्कि सरकारी आवास के लिए खर्चा किया है. ऐसी जरुरत आन पड़ी थी कि केजरीवाल को यह कदम उठाना पड़ा. उन्हें यह भी पता है कि सरकारी आवास पर कभी भी किसी का कब्जा हो सकता है. हालांकि, केजरीवाल की मन की बात केजरीवाल ही जाने.
कोरोनाकाल में केजरीवाल इसी में बिजी थे?
अरविंद केजरीवाल के घर के रेनोवेशन में खर्च हुए पैसों की बात सामने आने के बाद बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि कोरोना काल में जब दिल्ली में जनता ऑक्सीजन से जूझ रही थी. वहां ऑक्सीजन की कमी पड़ गई थी और तब मदद के लिए आगे आने की बजाए केजरीवाल अपने घर के रेनोवेशन में लगे थे. पार्टी का कहना है कि इसीलिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हुई. हालांकि, ये तो राजनीति है कोई भी कुछ भी बोल सकता है.
अब ‘आप’ को कितना मिला डोनेशन?
देश के क्षेत्रीय दलों को 26 राज्य/संघ शासित प्रदेशों और 10 देशों से दान मिला है. विदेशों से सिर्फ आम आदमी पार्टी को ही 20000 रुपये से अधिका का डोनेशन मिला है। चुनाव आयोग में पार्टियों ने जमा की दान रिपोर्ट से एडीआर ने यह राज्यवार विवरण निकाला है। चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आप को अपने कुल दान के (रु 20,000 से अधिक) 4.78% या रु 1.828 करोड़ का डोनेशन विदेश से मिला है. यह रिपोर्ट वित्तीय वर्ष 2021-22 की है. आप पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा को सिर्फ 55 हजार रुपये का दान मिला है. उनके पास 5 हजार रुपये की 11 किश्त के रूप में डोनेशन आया है. दान दाताओं और व्यक्तिगत दान दाताओं की बात करें तो इस वित्तीय वर्ष के दौरान राष्ट्रीय दलों को 625.883 करोड़ रुपये का दान 2551 कॉर्पोरेट दान दाताओं से प्राप्त हुआ है. 153.328 करोड़ का दान 4506 व्यक्तिगत दान दाताओं से मिला।
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