निपाह वायरस का प्रकोप साल दर साल बढ़ता जा रहा है। 8 मई को, केरल में मलप्पुरम जिले के वलनचेरी की 42 वर्षीय महिला में निपाह वायरस के एक नए मामले की पुष्टि हुई। दो दिन पहले यानी 6 मई को, कालीकट मेडिकल कॉलेज में एक महिला की सबसे पहले निपाह वायरस की जांच की गई। जब टेस्ट किए गए सैम्पल में निपाह की पुष्टि हुई, तो 7 मई की दोपहर को निपाह की पुष्टि के लिए एक सैम्पल राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे भेजा गया। एनआईवी ने 8 मई की दोपहर को निपाह वायरस की पुष्टि की।
ट्रूनेट से की गई जांच
केरल वन हेल्थ, सेंटर फॉर निपाह रिसर्च एंड रेसिलिएंस के नोडल अधिकारी और कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज में सामुदायिक चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ. टी.एस. अनीश ने बताया की ट्रूनेट का उपयोग करके टेस्ट किए गए सैम्पल में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। अंतिम रिजल्ट के लिए, सैंपल की माइक्रोबायोलॉजी लैब में RT-PCR का उपयोग करके जांच की गई। डॉ. अनीश कहते हैं कि महिला के केवल यूरीन के सैंपल में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है।
डॉक्टर ने क्या कहा
डॉक्टर के अनुसार अनुसार, रक्त और गले के स्वैब के सैम्पल में निपाह वायरस के लिए जब टेस्ट हुआ तब यह पॉजिटिव नहीं आया। “यह वायरेमिक इंफेक्शन के अंतिम चरण के कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस शरीर में लंबे समय तक नहीं टिकते हैं। इसलिए ब्लड और गले के स्वैब के सैंपल में वायरस का पता करने के लिए जब जांच हुई तो रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई। जबकि केवल यूरीन के सैंपल टेस्ट में रिजल्ट पॉजिटिव आया।
संपर्क में रहे 7 व्यक्तियों का हुआ परीक्षण
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों के भी सैंपल एकत्र किए गए और उन्हें मलप्पुरम जिले के मंजेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज में परीक्षण किया गया। महिला से निकटता से जुड़े सभी सात उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों का 8 मई को निपाह के लिए टेस्ट में निगेटिव पाए गए।
महिला में दिखे ये लक्षण
25 अप्रैल को मरीज़ को मामूली लक्षण थे। 1 मई को उसके क्लिनिकल लक्षण और भी बदतर हो गए और उसे पेरिंथलमन्ना के ईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन दोपहर तक उसकी हालत और भी खराब हो गई और उसे क्रिटिकल केयर इंटेंसिव केयर यूनिट में स्थानांतरित कर दिया गया, उसे इंट्यूबेट किया गया और वेंटिलेटर पर रखा गया। उसे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम था और डेंगू के क्लासिक लक्षण थे। उसका डेंगू टेस्ट पॉजिटिव आया और इसलिए निपाह का संदेह नहीं था। जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ, तभी दो दिन बाद निपाह परीक्षण के लिए नमूने भेजे गए।
2024 में सामने आए दो प्रकोप
अब सामने आया है कि यह निपाह प्रकोप का केरल में सातवां मामला है। पहला प्रकोप 2018 में सामने आया था। उसके बाद 2019, 2021, 2023 और 2024 में प्रकोप हुआ। पिछले साल, केरल में दो निपाह प्रकोप की सूचना मिली थी यानी 21 जुलाई को 14 वर्षीय लड़के में और दूसरा 15 सितंबर को 24 वर्षीय वयस्क में। 2024 में दोनों प्रकोप मलप्पुरम जिले में थे। 8 मई के प्रकोप के साथ, मलप्पुरम जिले में कुल तीन निपाह प्रकोप हो चुके हैं।
1 comment
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