Insurance Policy: अगर आप नई इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के बारे में सोच रहे हैं या आपने पहले से ही इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है। तो ये आर्टिकल आपके काफी काम आने वाला है। यूनियन बजट 2023 में इंश्योरेंस पॉलिसी के नियमों में कई बदलाव किए गए हैं।
इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का विचार कर रहे हैं तो आप इस नियम को पूरा किए बगैर किसी भी तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं खरीद सकेंगे। इसके अंतर्गत होम इंश्योरेंस, हेल्थ और ट्रैवल जैसी पॉलिसी आती हैं।
अगर आपने टैक्स बचाने के लिए बीमा पॉलिसी ली है, ऐसा भी हो सकता है कि आपको इसका लाभ नहीं मिले, क्योंकि बजट 2023 में 5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली पॉलिसी पर टैक्स बेनेफिट को खत्म कर दिया गया है। इस नियम को 1 अप्रैल, 2023 से लागू किया जाएगा। टैक्स बेनेफिट को खत्म करने का सीधा सा मतलब ये है कि जब आपकी पॉलिसी मैच्योर होगी तो इस पर मिलने वाले अमाउंट पर टैक्स देना होगा। आपको 5 लाख रुपये से कम की प्रीमियम बीमा पॉलिसी की आय पर ही छूट मिलेगी।
आखिर क्या बदलाव होगा?
नई पॉलिसी को अब काफी वक्त से ऑनलाइन खरीदना पॉसिबल हो गया है। इंश्योरेंस कंपनियों को साल 2023 के अंत तक फिजिकल फॉर्म वाले सभी पुराने इंश्योरेंस प्रोडक्ट को डिजिटल फॉर्मेट में बदलना जरूरी कर किया जाएगा।
IRDA के अनुसार, सभी इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स 2023 के अंत तक डिजिटल फॉर्म में बदल दिए जाएंगे। इसके अलावा, बाकी अन्य सभी इंश्योरेंस पॉलिसी भी शत प्रतिशत डिजिटल हो जाएंगी।
नया नियम क्या है-
बजट 2023 में पेश किए गए नियम के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 31 मार्च के बाद जीवन बीमा पॉलिसी लेता है और इस बीमा पॉलिसी के मैच्योर होने पर मिलने वाला प्रीमियम 5 लाख रुपये से अधिक है, तो इस पॉलिसी की आय पर टैक्स लगेगा। ये नियम पहले साल के प्रीमियम पर लागू है। इसका रीन्यूवल पर कोई असर नहीं पडेगा।
बनाए जाएंगे बीमा दावा केंद्र-
बीमा दावे के लिए बड़ी पहल करते हुए देशभर में बीमा दावा केंद्र बनाए जाएंगे। इन सेंटर्स को खोलने का मकसद है कि दावा केंद्रो के जरिए लोगों को असुविधा से बचाया जा सके और लोग बीमा दावा केंद्रों के माध्यम से दावा यानी क्लेम हासिल कर सकें। हेल्थ इंश्योरेंस के साथ ही दूसरे बीमा दावा निपटान के लिए भी क्षेत्रों में बीमा दावा केंद्र बनाए जाएंगे।
बीमा कंपनियों पर इसका क्या होगा असर-
बजट 2023 में पेश किए गए इन नए नियम के कारण बीमा कंपनियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। आउट टॉप लाइन पर 10-12% प्रभाव पड़ेगा वहीं, अगर बीमा बीमा कंपनियों ने इसके प्रभाव को कम करने के लिए कुछ नहीं किया तो बॉटम लाइन पर इसका लगभग 5% प्रभाव पड़ेगा।
इसमें एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ, लाइफ इंश्योरेंस ऑफ इंडिया, जनरल इंश्योरेंस कॉर्प और मैक्स फाइनेंशियल, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी आदि बीमा कंपनियों पर असर देखने को मिलेगा।
New KYC नियम-
Insurance Industry के नियामक दृष्टिकोण में IRDAI ने कई नियम बदले हैं। इसके लिए 1 जनवरी से बीमा खरीदने के लिए केवाईसी कराना अनिवार्य किया गया है। IRDAI ने बीमा पारिस्थितिकी तंत्र को और पारदर्शी बनाने के लिए ये कदम उठाया है। अगर नए बदलाव हो जाते हैं तो उसके बाद ग्राहकों की शिकायतों में भी कमी आएगी, जिससे दावा निपटान भी बेहतर होगा।
KYC में क्या हुआ है बदलाव?
IRDAI ने 1 जनवरी, 2023 से बीमा कंपनियां को अगर कोई भी जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करनी है तो इसके लिए ग्राहकों से केवाईसी डाक्यूमेंट्स लेना अनिवार्य किया गया है। इसमें ट्रेवल, हेल्थ, दू-पहिया वाहन, कार-इंश्योरेंस आदि इश्योरेंस पॉलिसी शामिल हैं।
बीमा सुगम पोर्टल (Bima Sugam Portal) लॉन्च-
IRDAI जल्द ही बीमा सुगम पोर्टल (Bima Sugam Portal) लॉन्च करने वाली है। जो इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स को छोटे शहरों से लेकर गांवों तक पहुंचा देगा। खास बात यह है कि बीमा ग्राहकों को इस पोर्टल के जरिए एक ही जगह पर सभी बीमा कंपनियों के सर्विसेज और प्रॉडक्ट्स के साथ-साथ उनके प्रीमियम की जानकारी मिल सकेगी। जिसके चलते ग्राहक अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से बीमा प्रॉडक्ट्स खरीद सकेंगे।