भारत में गर्मी का मौसम सिर्फ तापमान ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी जन्म देता है। व्यक्ति को लू, डिहाइड्रेशन, स्किन इंफेक्शन से लेकर मानसिक तनाव और मच्छर जनित रोग आदि परेशान करते हैं। यह मौसम शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से व्यक्ति को प्रभावित करता है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि हम गर्मियों में होने वाली आम समस्याओं को पहचानें, उनके कारणों को समझें और उनसे बचाव के लिए उचित कदम उठाएं। तो आइए जानते हैं गर्मी के मौसम में कैसे रखें अपनी सेहत का ध्यान।
गर्मियों (Summer)में इन लोगों को अधिक होती हैं स्वास्थ्य समस्याएं
बूढ़े लोग – शरीर की तापमान नियंत्रित करने की क्षमता उम्र के साथ घटती है।
छोटे बच्चे – उनका शरीर पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे गर्मी का असर अधिक होता है।
पुरानी बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति – जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा या फेफड़ों, लीवर,किडनी की समस्याएँ।
कुछ विशेष दवाओं का सेवन करने वाले लोग – जैसे मूत्रवर्धक (diuretics), एंटीहिस्टामाइन या पसीने/तापमान नियंत्रण को प्रभावित करने वाली दवाएँ।
गर्भवती महिलाएँ – उनके शरीर में पहले से ही अधिक गर्मी उत्पन्न होती है और तरल पदार्थ की आवश्यकता भी अधिक होती है।
गर्मियों में होती हैं ये स्वास्थ्य समस्याएं
डिहाइड्रेशन
डिहाइड्रेशन गर्मियों में आम समस्या है। मुँह ड्राई होना, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, उल्टी और धड़कन बढ़ना आदि इसके लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ लें, कैफीन व शराब से परहेज़ करें, और पानीयुक्त फल-सब्जियाँ खाएं। समय पर इलाज आवश्यक है।
फूड पॉइज़निंग
गर्मी में बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं जिससे दूषित भोजन खाने से पेट की गड़बड़ी, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। बच्चों और बुज़ुर्गों में यह अधिक खतरनाक हो सकता है। ओआरएस व लिक्विड से इलाज शुरू करें और सुधार न हो तो डॉक्टर की सलाह लें।
हीट रैश
घमौरी या हीट रैश त्वचा पर खुजलीदार लाल चकत्तों के रूप में दिखाई देती है, जो आमतौर पर बंद हिस्सों में होती है। यह पसीने और गर्मी से उत्पन्न बैक्टीरिया के कारण होती है। ज्यादा खुजली से संक्रमण हो सकता है, इसलिए हल्के कपड़े पहनें और त्वचा को सूखा रखें।
सनबर्न
सनबर्न में त्वचा लाल होकर जलती है और छिलने लगती है। इससे बचने के लिए 10 बजे से 4 बजे तक धूप से बचें। उच्च एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएँ, टोपी और चश्मा पहनें। बच्चों की त्वचा अधिक संवेदनशील होती है, उन्हें खास सुरक्षा दें ताकि UV किरणों से बचाव हो सके।
हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक अधिक गर्मी से होने वाली गंभीर स्थिति है, जिसमें पसीना आना बंद हो जाता है और शरीर का तापमान 104°F से अधिक हो सकता है। व्यक्ति को भ्रम, चक्कर, तेज़ नाड़ी, निम्न रक्तचाप और बेहोशी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। समय रहते इलाज न मिले तो मौत भी हो सकती है।
गर्मियों में ऐसे करें सेहत की देखभाल(Care in summer season)
-रोज़ाना 8–10 गिलास पानी पिएँ, खासकर बाहर जाने पर और पसीना अधिक आने पर।
– ताजे फल, सलाद और पानीयुक्त सब्ज़ियां खाएं। तैलीय व भारी भोजन से बचें।
– सूती कपड़े गर्मी को सहन करने में मदद करते हैं और त्वचा को हवा लगने देते हैं।
-घर में वेंटिलेशन सही रखें, ठंडे पानी से स्नान करें और पंखे/कूलर/AC का सही उपयोग करें।
-फूड पॉयज़निंग से बचने के लिए ताज़ा और स्वच्छ भोजन लें। -तेज़ धूप में कसरत करने से डिहाइड्रेशन व हीट स्ट्रोक का खतरा होता है।
Read Indian Goverment advisory on summer season : https://ndma.gov.in/Natural-Hazards/Heat-Wave/Dos-Donts
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