गूगल मैप : पूरी दुनिया में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा पसंद किया जा रहा है. और करें भी क्यों नहीं, आखिर यह पर्यावरण को प्रदूषण को बचाने के काम करते हैं. वैसे ही पूरी दुनिया में दिन ब दिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अगर वाहनों से होने वाला प्रदूषण ही कम हो जाएगा. तो यह भी सोने पे सुहागा से कम नहीं. आजकल लोग भी पर्यावरण संरक्षण पर काफी ध्यान दे रहे हैं. यही वजह है कि सड़कों पर EVs की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन, इन्हें लेकर इलेक्ट्रिक वाहन चालक परेशान भी रहते हैं, जिसका कारण है ईवी की चार्जिंग. क्योंकि यह बैटरी से चलते हैं. घर में तो आसानी से चार्ज हो जाते हैं. लेकिन, अगर घर से बाहर चार्जिंग खत्म हो जाती है तो यह सबसे बड़ी परेशानी बन जाती है. दरअसल, किसी अनजान रास्ते पर चार्जिंग स्टेशन का पता नहीं होना और परेशानी हो जाती है. लेकिन अब इसी समस्या का GOOGLE ने समाधान निकाला है. तो चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि गूगल के पास ऐसा क्या है, जो इलेक्ट्रिक वाहन चालकों के लिए डूबते को तिनके का सहारा जैसा होगा.
गूगल मैप का नया फीचर बनेगा सहारा
इलेक्ट्रिक वाहन ग्राहकों और चालकों को चार्जिंग स्टेशन को लेकर होने वाली परेशानी को देखते हुए गूगल ने नया मैपनिंग फीचर लॉन्च किया है, जो कि यूजर्स को गूगल मैप ऐप में देखने को मिलेगा. इस फीचर के यूज से ऐसी किसी भी यात्रा पर, जहां ईवी को चार्जिंग के लिए रूकने की जरूरत होगी. यह फीचर करेंट ट्रैफ़िक, चार्जिंग लेवल और एक्सपेक्टेड ऊर्जा खपत को ध्यान में रखते हुए सबसे अच्छे चार्जिंग स्टॉप को सजेस्ट करेगा. कंपनी के मुताबिक, अगल यूजर उस चार्जिंग स्टेशन पर नहीं जाना चाहते हैं, तो वो इसे दूसरे स्टेशन पर भी स्वैप कर सकते हैं.”
गूगल के नए फीचर में क्या सुविधा मिलेगी?
इस फीचर में ‘VERY FAST ‘ चार्जिंग फ़िल्टर मिलेगा, जो 150 किलोवाट या उससे ज्यादा वॉट के चार्जर वाले नजदीकी स्टेशनों को आसानी से ढूंढ निकालेगा. Google के मुताबिक, यहां आप 40 मिनट से भी कम समय में अपनी गाड़ी की चार्ज करके दोबारा सड़क पर दौड़ा सकते हैं. GOOGLE मैप के सर्च रिजल्ट्स में भी सुपरमार्केट जैसी जगहों पर ऑन-साइट चार्जिंग स्टेशन को देखे जा सकते हैं . यही नहीं गूगल मैप यूजर को ट्रैफिक के आधार पर बेस्ट स्टॉप की जानकारी भी देगा. कार के साथ काम करने वाले प्लग खोज सकते हैं. इसके अलावा गूगल मेप पर सही जानकारी नहीं मिलने पर शिकायत का भी ऑपशन है. चार्जिंग स्टेशन पर पहुंचने के समय, कार में बैटरी और चार्जिंग स्पीड कितनी है. यह अपडेट भी इस पर मिल सकेगा.
अभी इन जगहों पर मिलेगी सुविधा
Google ने मैप्स को ज्यादा इमर्सिव व्यू और LIVE व्यू के साथ अपडेट किया है. इसके लिए AI और अन्य टेक्निक्स का यूज करते हुए एक इमर्सिव व्यू वर्ल्ड के लिए अरब स्ट्रीट व्यू और हवाई इमेजेज को फ़्यूज किया गया है. Google ने बताया कि यह फीचर्स मौसम, ट्रैफिक और किसी स्थान के प्री ऑक्यूपेशन की जरूरी इंफोर्मेंशन्स को यूजर्स से शेयर करता है. अभी लंदन, लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और टोक्यो में इमर्सिव व्यू की शुरुआत हो गई है, जल्द ही इसे एम्स्टर्डम, डबलिन, फ्लोरेंस और वेनिस सहित अन्य शहरों के लिए पेश किया गया है. जल्द ही पूरी दुनिया में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
गूगल को पर्यावरण का ध्यान
हमेशा गूगल पर्यावरण का ध्यान रखता है. कंपनी ने कई ऐसे प्रॉडक्ट पर काम किया है. जो पर्यावरण को बचाने में लाभकारी रहे हैं. कंपनी का लक्ष्य है कि पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे असर को कम करने में अरबों लोगों की मदद की जा सके. जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी गूगल के प्रॉडक्ट अहम भूमिका निभा रहे हैं. चाहे बात यातायात के लिए इस्तेमाल होने वाले साधन की हो, फ़्लाइट बुक करने की हो या घर पर रहने की हो. गूगल का मकसद पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाले विकल्प आसानी से चुनने में, अरबों लोगों की मदद करना है. अब इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहन चालकों और पेट्रोल-डीजल से बढ़ने वाले प्रदुषण को ध्यान में रखते हुए गूगल में मैप में अपडेट किया. ताकि इलेक्ट्रिक व्हीकल के यूज को बढ़ावा मिले. साथ ही बढ़ते प्रदूषण पर कंट्रोल किया जा सके.
आखिर गूगल इतना क्यों मेहरबान?
आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़वा मिलेगा. और ऐसे में वाहन चालकों के लिए परेशानी का सामना ना करना पड़े. इसलिए गूगल ने अपनी टेक्निक अपनाई. जो लोगों के साथ-साथ उसे भी फायदा पहुंचाएगा. यह सुविधा गूगल के अलावा कहीं और उपलब्ध नहीं है तो जाहिर सी बात है कि EV वाहन चालकों के साथ गूगल भी लाभ उठाएगा. लोग सबसे ज्यादा गूगल मैप ही यूज करेंगे. वैसे भी तो हर काम के लिए गूगल का यूज किया जाता है. हालांकि, अभी चैट जीपीटी ने गूगल को डरा कर रखा है. लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इतने जल्दी चैट जीपीटी पर भरोसा सबके लिए आसान नहीं होगा. जैसे पुराने लोग गांव छोड़कर शहर में बसने को तैयार नहीं होते, वैसे ही गूगल यूज करने वाले लोग इतने जल्दी चैट जीपीटी पर डिपेंड नहीं होंगे.