Dumbphone: आज के समय में स्मार्टफोन लोगों की जरूरत बन गया है. शिक्षा, मनोरंजन, दूरभाष, गेम जैसे सबकुछ स्मार्टफोन पर ही किया जाता है. या यूं कहें कि अब स्मार्टफोन के बिना कुछ भी करना संभव नहीं है. लाखों लोग स्मार्टफोन का यूज कर रहे हैं. मार्केट में रोजाना हजारों फोन सेल हो रहे है. इतना ही नहीं, अब तो एक-नहीं दो-दो फोन रखने का ट्रेंड भी चलने लगा है. कई लोग अपने ऑफशियल यूज के लिए अलग और मनोरंजन के लिए अलग फोन का यूज करते हैं. लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है. जो इस स्मार्टफोन के दुनिया को हैरान कर देगी. और यह भी हो सकता है कि शायद आप उससे दूरी भी बना लें. जी, हां…भारत में हर साल लगभग 17 करोड़ स्मार्टफोन सेल होते हैं और देश में 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स हैं. लेकिन यही स्मार्टफोन अब कई लोगों की परेशानियों और टेंशनों की वजह बनता जा रहा है. जिसके चलते अब लोग स्मार्टफोन से दूरी बनाने लगे हैं. साथ ही डंबफोन (Dumbphone) का यूज कर रहे हैं. इसे देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि अब जल्द ही डंबफोन (Dumbphone) का जमाना आने वाला है. तो चलिए अब जानते हैं कि आखिर आखिर डंबफोन क्या है?
आखिर Dumbphone में क्या है खास?
साल 1990 के समय में कीपैड वाले फोन तो सभी ने देखे और यूज भी किए हैं. तो उन्हें ही डंबफोन (Dumbphone) कहते हैं. इनमें न तो स्मार्टफोन की तरह इंटरनेट चलता है और न ही अनगिनत ऐप और ढेरों फंक्शन हैं. इसमें बस फोन लगाना और रिसीव करना, टैक्स मैसेज भेजना, बेसिक पिक्चर लेने से लेकर रेडियो सुनने तक ही facility होती थी. लेकिन अब इसी डंबफोन की वापसी हो रही है. 2018 से 2021 के बीच डंबफोन की 89 प्रतिशत गुगल सर्च बढ़ी है. साल 2021 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूके में 10 में से एक मोबाइल यूजर्स डंबफोन का यूज कर रहा है. विदेशों में ही नहीं भारत में भी 35 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो डंबफोन(Dumbphone) का यूज कर रहे हैं. हालांकि, हाईटेक स्मार्टफोन को छोड़ लोग डंबफोन (Dumbphone) का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं. आपने यह कभी सोचा है? इसके पीछे एक नहीं तीन वजह हैं.
आखिर क्यों बढ़ी Dumbphone की डिमांड?
डबफोन (Dumbphone) की डिमांड बढ़ने की पहली वजह है सस्ता ऑप्शन. दरअसल, साल 2017 में nokia ने अपना नोकिया 3510 हैंडसेट रिलॉंच किया. टिक टॉक वीडियो से इंस्ट्राग्राम रील तक ये फोन खूब दिखे. साल 2000 में पहली बार आये इस फोन पर लोगों को पहले से भरोसा था. लेकिन इसके रिलॉचिंग ने लोगों को सस्ता और अच्छा ऑप्शन दे दिया. भारत में डंबफोन (Dumbphone) 1500 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक में असानी से मिल जाते हैं. वहीं, दूसरी वजह मजबूत और टिकाऊः प्रदर्शन में भले ही ये स्मार्टफोन से पीछे हों. लेकिन इन्हे आसानी से खरीदा जा सकता है और स्मार्टफोन से ज्यादा मजबूत और टिकाऊ भी हैं. साथ ही इन्हे बार-बार चार्ज भी नहीं करना पड़ता. तीसरी और सबसे बड़ी वजह हमारी स्मार्टनैस छीनते स्मार्टफोन. जी हां. दुनियाभर में स्मार्टफोन पर हुए कई अध्ययन में ज्यादा ये मिला कि स्क्रीन टाइम का असर हमारे अटेंशन, कंसंट्रेशन और मेमोरी पर पड़ता है. इससे निगेटिविटी बढ़ रही है. और प्रोडक्टिविटी कम हो रही है. बाकी स्मार्टफोन से डेटा चोरी और साइबर क्राइम के दूसरे खतरे तो हैं ही.
ऑनलाइन फ्रॉड और डेटा चोरी की बढ़ रही घटनाएं
एक रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल पर इंसान की याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है. सात ही लोग किसी काम पर ध्यान कम लगा पाते हैं. इससे काम पर सीधा असर पड़ता है. इसके अलावा लोगों में निगेटिविटी बढ़ रही है. साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड और डेटा चोरी जैसी घटनाएं बढ़ रही है. ऐसे में एक बार दोबारा से डंबफोन(Dumbphone) की डिमांड बढ़ी है. अगर भारत की बात करे, तो यहां पिछले 3 साल में स्मार्टफोन की शिपमेंट में 10 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. हाल ही की मार्केट रिपोर्ट में भी कुछ ऐसा ही दिख रहा है.पिछले तीन साल के मुकाबले भारत में स्मार्टफोन की बिक्री में 10 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. हालाकि 5जी के आने से उम्मीद भी जगी है. वही स्मार्ट फोन की स्मार्टनैस से बचने के लिए अब फिर से लोग कीपैड की दुनिया में लौट रहे हैं.