आज के समय में दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब यह बीमारी बहुत सामान्य होती जा रही हैं। ऐसी स्थिति में दिल पूरी क्षमता से शरीर को रक्त नहीं पहुंचा पाता, जिससे थकान, सांस की कमी और शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में योग एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय साबित हो सकता है, जो न केवल शरीर बल्कि मन को भी सशक्त बनाता है। तो आइए जानते हैं हृदय को स्वस्थ रखने के लिए कौन से योगासन करना चाहिए।
हृदय रोगियों (Cardiac patients) को योगासन से क्या फायदा होता है
यदि डॉक्टर की सलाह के बाद योग सावधानी के साथ किया जाए, तो यह हृदय रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। योग के माध्यम से तनाव कम होता है, रक्तचाप नियंत्रित होता है और रक्त संचार बेहतर होता है। प्राणायाम, ध्यान और सरल योगासनों के नियमित अभ्यास से दिल की मांसपेशियाँ धीरे-धीरे मज़बूत होती हैं, हृदय गति में सुधार होता है और चिंता व अवसाद भी कम होता है। हार्ट फेल्योर से पीड़ित मरीज़ों को अक्सर नींद की समस्या, ऊर्जा की कमी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। योग इन सभी पहलुओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
आइए जानते हैं ऐसे 5 योगासन के बारे में जो हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद है।
ताड़ासन (Tadasana)
यह एक आसान लेकिन प्रभावशाली योगासन है जो पूरे शरीर को खिंचाव देता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
विधि:
-सीधे खड़े हों, दोनों पैर एकसाथ रखें।
-दोनों हाथ सिर के ऊपर ले जाकर हथेलियाँ एक-दूसरे की ओर रखें।
-पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचें।
-20–30 सेकंड तक गहरी सांस लेते हुए इस स्थिति को बनाए रखें।
-धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।
-इसे 2–3 बार दोहराएं।
2. वृक्षासन (Vrikshasana)
यह आसन संतुलन, स्थिरता और मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है।
विधि:
-सीधे खड़े हों और शरीर का भार बाएं पैर पर रखें।
-दायाँ पैर मोड़कर, उसकी एड़ी को बाईं जांघ पर रखें (घुटने पर नहीं)।
-हाथों को प्रार्थना मुद्रा में छाती पर या सिर के ऊपर जोड़ें।
-संतुलन बनाकर 15–30 सेकंड तक स्थिति बनाए रखें।
-धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौटें और दूसरी टांग से दोहराएं।
3. भुजंगासन (Bhujangasana)
यह पीठ और छाती को खोलता है, जिससे श्वसन प्रणाली मजबूत होती है।
विधि:
-पेट के बल लेटें, हथेलियाँ कंधों के नीचे रखें।
-सांस लेते हुए धीरे-धीरे छाती को ऊपर उठाएं (हाथों पर ज़्यादा दबाव न डालें)।
-पेल्विस ज़मीन पर ही रहे और कंधे ढीले हों।
-15–20 सेकंड तक रुकें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं।
-2 बार दोहराएं।
4. सेतु बंधासन (Setu Bandhasana)
यह आसन हृदय को आराम देता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। watch this video to know more :
विधि:
-पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैर ज़मीन पर रखें।
-हाथ शरीर के बगल में रखें।
-सांस लेते हुए धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर उठाएं।
-15–30 सेकंड तक यह स्थिति बनाए रखें, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आएं।
-इसे 2–3 बार दोहराएं।
5. सुखासन में प्राणायाम (Sukhasana with Pranayama)
यह मानसिक शांति प्रदान करता है और हृदय की धड़कनों को स्थिर करता है।
विधि:
-पालथी मारकर आरामदायक स्थिति में बैठें।
-पीठ सीधी रखें और हाथ घुटनों पर रखें।
-आंखें बंद करें और धीरे-धीरे गहरी सांस लें और छोड़ें।
-5–10 मिनट तक ध्यानपूर्वक श्वास पर ध्यान केंद्रित करें।
-इसे प्रतिदिन करें।
सुझाव:
हार्ट फेल्योर से ग्रसित किसी भी व्यक्ति को योग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या प्रमाणित योग विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। कोई भी आसन ज़बरदस्ती या दर्द के साथ नहीं करना चाहिए। योग को अपनी जीवनशैली में नियमित रूप से शामिल कर आप न केवल अपने हृदय की सेहत सुधार सकते हैं, बल्कि मानसिक संतुलन भी पा सकते हैं।
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