Yoga For Heart:योग न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह हृदय को स्वस्थ रखने में भी काफी मदद करता है। नियमित एक्सरसाइज रक्त संचार में सुधार करता है, तनाव के हार्मोन को कम करता है, और हृदय की संपूर्ण कार्यक्षमता को बढ़ाता है। कुछ विशेष योगासन लिवर को सक्रिय करते हैं और फैट मेटाबॉलिज्म में सुधार करते हैं। ये खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करते हुए अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाते हैं। सुबह योग करना विशेष रूप से फायदेमंद होता है क्योंकि यह चयापचय को तेज करता है और दिन की शुरुआत स्वस्थ तरीके से करता है। आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में, जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
सूर्य नमस्कार
यह हृदय को सक्रिय करता है, रक्त संचार में सुधार करता है और वसा चयापचय को बढ़ावा देता है। इसमें 12 मुद्राओं का क्रम होता है, जिसे एक प्रवाह में किया जाता है। प्रार्थना मुद्रा से शुरुआत करें, फिर आगे की ओर झुकें, प्लैंक और कोबरा पोज़ में जाएं, फिर वापस खड़े हो जाएं। इसे 6–12 बार दोहराएं।
भुजंगासन
यह लिवर को एक्टिव करता है और हृदय के कार्य को बेहतर बनाता है। पेट के बल लेटें, हाथों को कंधों के नीचे रखें और अपनी छाती को ऊपर उठाएं। कोहनियों को थोड़ा मोड़ा हुआ रखें।
धनुरासन
यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और यकृत और अग्न्याशय को वसा चयापचय के लिए उत्तेजित करता है। पेट के बल लेटें, टखनों को पकड़ें और अपनी छाती और जांघों को उठाकर धनुष का आकार बनाएं।
सेतु बंधासन
यह छाती को खोलता है, हृदय को स्वस्थ रखता है और वसा संचय से जुड़े हार्मोन को संतुलित करता है। पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और कूल्हों को ऊपर उठाएं, जबकि पैर और कंधे जमीन पर टिके रहें।
पश्चिमोत्तानासन
यह पाचन में सुधार करता है और पेट की चर्बी को कम करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल स्तर बेहतर होता है। पैरों को सीधा फैलाकर बैठें, आगे झुकें और पैरों को छूने की कोशिश करें। इस मुद्रा में गहरी सांस लें।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
यह यकृत और पाचन तंत्र के कार्य में सुधार करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का विघटन बेहतर होता है। एक पैर को दूसरे पैर के ऊपर मोड़ें, धड़ को विपरीत दिशा में घुमाएं और कुछ देर इसी स्थिति में रहें।
ताड़ासन
यह मुद्रा पॉश्चर को सुधारती है और रक्त संचार को बढ़ाती है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। पैरों को पास में रखकर सीधे खड़े हों, हाथों को ऊपर उठाएं और एड़ियों को ऊपर उठाएं।
त्रिकोणासन
यह पेट के अंगों को सक्रिय करता है, जिससे वसा का विघटन और चयापचय में सुधार होता है। पैरों को फैला कर खड़े हों, एक हाथ को नीचे झुकाकर पैर को छूएं और दूसरा हाथ ऊपर की ओर उठाएं।
शवासन
यह तनाव को कम करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले हार्मोन का स्राव कम होता है। पीठ के बल लेटकर शरीर के प्रत्येक भाग को पूरी तरह से आराम दें और 5–10 मिनट तक अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें।