हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत पवित्र पर्व मानते हैं। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, एक साल में 4 बार नवरात्रि (Navratri)) मनाते हैं जिसमें से 2 नवरात्रि गुप्त रहती हैं और 2 नवरात्रि बहुत जरुरी मानी जाती हैं। 4 नवरात्रि में से सिर्फ शारदीय और चैत्र नवरात्रि को लाभप्रद और मां की पूजा के लिए श्रेष्ठ मानते हैं।
इस साल 22 मार्च दिन बुधवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है। चैत्र नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के 9 अवतारों की अराधना की जाती है। इन 9 दिनों तक उपवास भी रखा जाता है।
नवरात्रि के दिनों में व्रत रखने का महत्व?
ऐसा मानना है कि नवरात्रि के 9 दिनों में मां की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है। इन दिनों में उपवास रखने से मां अपने भक्तों को साहस, बल और तेज बुद्धि देती हैं। ऐसा मानना है कि 9 दिनों तक उपवास करने से नव ग्रह शांत होते हैं और ग्रह दोष भी अलग हो जाते हैं। ग्रह किसी तरह की आपदा नहीं लाते।
इन दिनों में साफ मन से उपवास करने से सभी ग्रह का अच्छा प्रभाव पड़ता है। इससे आशावादी फल जीवन में दस्तक देते हैं। ऐसा मानना है कि नवरात्रि के दिनों में माता के लिए रखा गया उपवास संपूर्ण पुण्य की प्राप्ति में मददगार साबित होता है। दुर्गा मां के नौ अवतारों से 9 दिव्य वरदान की प्राप्ति होती है। दुर्गा मां के आशीर्वाद से ज्ञान का संचारण होता है और व्यक्ति में फैसले लेने की निपुणता बढ़ती है।
नवरात्रि के दिनों में व्रत क्यों रखा जाता है?
नवरात्रि के दिनों में उपवास करना मां की पूजा में सम्मिलित है। ऐसा मानना है कि नवरात्रि के दिनों में उपवास करने से आत्मा की शुद्धि होती है। उपवास रखने से तन-मन को ताकत मिलती है। इसके साथ ही धार्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। देह को हर रोज के भोजन से भी थोड़ा विराम मिलता है। इससे शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है।
उपवास करने से मन शांत रहता है और तनाव भी दूर हो जाता है। जिस वजह से मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। इसके अलावा ब्रह्माविचार की तरफ भी मन लगने लगता है। इससे सकारात्मकता का संचार होता है और साथ ही नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। जिस वजह से धार्मिक लाभ भी मिलते हैं।
चैत्र नवरात्रि में उपवास के वक्त इन बातों का रखें ध्यान
नवरात्रि के समय यदि आपने सात रात्रि उपवास किया है तो आपको पहली तिथि से सप्तमी तक उपवास पूरा करना चाहिए। तभी आपको इसके संपूर्ण फल की प्राप्ति होगी।
नवरात्रि के दिनों में यदि आपके लिए उपवास करना आसान नहीं है तो पंचमी को आप एकभुक्त व्रत रख सकते हैं। इस उपवास में आप एक वक्त भोजन कर सकते हैं।
नवरात्रि में आप रात्रि भोजन के साथ व्रत और सप्तमी वाले दिन अयानित उपवास कर सकते हैं।
नवरात्रि में यदि आप उपवास नहीं कर सकते तो आप तीन दिन का भी उपवास कर सकते हैं यानी कि सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर उपवास के नियमों का पालन कर सकते हैं।
नवरात्रि के दिनों में उपवास करते वक्त इस बात को ध्यान में जरुर रखें कि बेड के बजाये जमीन पर सोना है। यदि आप आयर लकड़ी का बेड इस्तेमाल करेंगे तो और भी बेहतर है।
नवरात्रि के दिनों में उपवास के दौरान यह याद रखें कि क्रोध करने से बचना है। साथ ही अपने मन में उदार, प्रेम और क्षमा जैसे भाव रखने हैं। किसी से झगडा़ भी नहीं करना है।
उपवास के दौरान अपने मन पर नियंत्रण रखें और दिल शांत रखते हुए बहकती भाव में मग्न रहें।
नवरात्रि में किसी के प्रति अपशब्द बोलने या झूठ बोलने से बचना चाहिए। दिल में सिर्फ अच्छे विचारों को जगह दें।
चैत्र नवरात्रि में क्या न करें
अखंड दीप जलाया है तो घर खाली न छोड़ें
यदि आपने अपने घर में घट स्थापना कराई है और अखंड दीप रखा है तो घर को खाली न छोड़ें। यदि आपको घर से बाहर जाना है तो किसी को घर पर छोड़कर ही जाएं।
पूजन के दिन काले-सफेद कपड़े न पहनें
दुर्गा मां की अराधना करते वक्त गलती से भी सफेद या काले रंग के कपड़े न पहनें। पूजा के दौरान यह शुभ नहीं माना जाता है। नवरात्रि में हमेशा धुले हुए कपड़े ही पहनने चाहिए।
नाखून-बाल न काटें
नवरात्रि में बाल और दाढ़ी-मूंछ नहीं कटवानी चाहिए। इन दिनों में नाखून को भी नहीं काटा जाता। नवरात्रि के इन 9 दिनों में तेल-साबुन का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता।
व्रती जमीन पर सोएं
यदि आपने इन दिनों उपवास किया है तो बेड पर न सोकर जमीन पर चटाई डालकर ही सोना चाहिए। विष्णु पुराण के मुताबिक उपवास के वक्त दिन में कभी भी सोना नहीं चाहिए।
नॉनवेज और मदिरा का सेवन न करें
नवरात्रि के दिनों में मांसाहार भोजन पूरी तरह से वर्जित है। सतोगुणी भोजन ही करना चाहिए। इन दिनों में प्याज-लहसुन भी नहीं खाना चाहिए।
रोज करें कलश की पूजा
नवरात्रि के 9 दिनों तक मां की पूजा के वक्त कलश की पूजा अवश्य करें।
जलाएं अखंड दीपक
इन दिनों में अपने घर में अखंड दीप जलाएं। यह दीप नवरात्रि के अंत तक निरंतर जलता रहना चाहिए।
9 दिनों तक मां को चढ़ाए लाल चुनरी
नवरात्रि के दिनों में मां को पूरे 9 दिनों तक लाल सिंदूर, लाल रोली, लाल चुनरी और लाल पुष्प चढ़ाएं।
पूजन के दौरान करें मंत्रों का जाप
नियमबद्ध तरीके से मां के मंत्रों का जाप करते रहें। ऐसा करने से आपको उनसे शक्ति और आशीर्वाद मिलेगा।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि नवरात्रि के दिनों में व्रत रखने का महत्व, नवरात्रि के दिनों में व्रत क्यों रखा जाता है, नवरात्रि में उपवास के दौरान बताये गए नियमों का पालन करके आप माता को खुश कर सकते हैं और सम्पूर्ण फल की प्राप्ति कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि ऊपर दी गई जानकारी आपको जरुर पसंद आई होगी। यदि आपको इस आर्टिकल से जुड़ी किसी तरह की कोई समस्या हो तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
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