9
Metabolic Syndrome:मेटाबॉलिक सिंड्रोम उन समस्याओं का समूह है जो एक साथ होने पर हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देती हैं। इन समस्याओं में हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, कमर के आसपास अत्यधिक फैट और असामान्य कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड स्तर शामिल हैं। इन समस्याओं में से केवल एक का होना मेटाबॉलिक सिंड्रोम का संकेत नहीं देता, लेकिन इनका कॉम्बिनेशन स्वास्थ्य के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा देता है। आइए जानते हैं मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कुछ सामान्य कारण और उनके लक्षणों के बारे में। साथ ही हम इससे बचने के उपाय भी बताएंगे।
मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण
मेटाबॉलिक सिंड्रोम आनुवंशिक, जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों के कारण होता है, जिनमें शामिल हैं:
- मोटापा या पेट की चर्बी बढ़ना: यह एक मुख्य कारण है।
- इंसुलिन रेसिस्टेंस: शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रभावी प्रतिक्रिया देने में असफल रहती हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
- खराब जीवनशैली: यह वजन बढ़ाने और खराब इंसुलिन सेंसिटिविटी में योगदान करती है।
- शुद्ध चीनी, अस्वस्थ वसा, और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार: यह वजन बढ़ाने और इंसुलिनरेसिस्टेंस को बढ़ावा देते हैं।
- लंबे समय तक तनाव: यह हार्मोन को बाधित कर सकता है और वजन बढ़ाने व इंसुलिन रेसिस्टेंस में योगदान दे सकता है।
- टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, या हृदय रोग की फेमिली हिस्ट्री: इससे जोखिम बढ़ता है।
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या मेनोपॉज जैसी समस्याएं: मेटाबॉलिक सिंड्रोम की शुरुआत को प्रभावित कर सकती हैं।
मेटाबोलिक सिंड्रोम के लक्षण
- कमर का घेरा बढ़ना: पुरुषों में 40 इंच और महिलाओं में 35 इंच से अधिक कमर का फैट बढ़ जाता है।
- हाई ब्लड प्रेशर: 130/85 मिमी एचजी या उससे अधिक, या एंटीहाइपरटेंसिव दवाओं का उपयोग।
- हाई ब्लड शुगर लेवल: 100 मिग्रा/डीएल या उससे अधिक उपवास ग्लूकोज, या डायबिटीज का निदान।
- हाई ट्राइग्लिसराइड: 150 मिग्रा/डीएल या उससे अधिक।
- कम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल: पुरुषों में 40 मिग्रा/डीएल से कम और महिलाओं में 50 मिग्रा/डीएल से कम।
- थकान या एकाग्रता में कठिनाई: यह हाई ब्लड शुगर शर्करा या इंसुलिन रेसिस्टेंस से जुड़ी होती है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम से बचने के उपाय
- वजन कंट्रोल रखें: पेट की चर्बी कम करना, जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम का एक प्रमुख जोखिम कारक है। कैलोरी सेवन पर नजर रखें और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- संपूर्ण खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें: सब्जियां, फल, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल करें। प्रसंस्कृत और शक्करयुक्त खाद्य पदार्थों से बचें।
- नियमित एक्सरसाइज करें: सप्ताह के अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें, जैसे तेज चलना या साइकिल चलाना।
- मीठे पेय से बचें: जैसे सोडा और फलों के रस, क्योंकि ये इंसुलिन प्रतिरोध और वजन बढ़ाने में योगदान करते हैं। इसके बजाय पानी या हर्बल चाय पिएं।
- पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें: जैसे केले और पालक, और सोडियम का सेवन कम करें।
- धूम्रपान से बचें: यह हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है और कोलेस्ट्रॉल स्तर व इंसुलिन संवेदनशीलता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
- अधिक शराब से बचें: यह वजन बढ़ाने और ट्राइग्लिसराइड बढ़ाने का कारण बन सकता है।