World’s Happiest Country: दुनिया में एक ऐसा देश ऐसा भी है, जहां जाने की कल्पना शायद हर खुशदिल इंसान करता है। इस देश में सुख-समृद्धि की कल्पना इसी बात से की जा सकती है कि इसे दुनिया का सबसे खुशहाल देश होने का गौरव हासिल है। हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र ने इस संबंध में आधिकारिक घोषणा भी की है। हम बात कर रहे हैं, उत्तरी यूरोप में बसे छोटे से देश फिनलैंड की। अमूमन इस देश की चर्चा राजनीतिक पटल पर नहीं होती लेकिन इस देश को साल-दर-साल सबसे खुशहाल देश माना जाता रहा है।
करीब 55 लाख की जनसंख्या वाला फिनलैंड एक नॉर्डिक देश है। इसके वेस्ट में स्वीडन, ईस्ट में रूस, नॉर्थ में नॉर्वे और साउथ में एस्टोनिया जैसे देश हैं। फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी है। ये माना जाता रहा है कि इस देश की भौगोलिक स्थिति ऐसी नहीं है कि बाकी देश इससे अन्यथा प्रभावित हो सकें। यह लगातार दूसरी बार है जब यूएन की ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स रिपोर्ट’ (World’s Happiness Index Report) में फिनलैंड शीर्ष पर रहा है। यह सूची इस आधार पर बनाई जाती है कि दुनिया में किस देश में कितनी खुशहाली है और इस मामले में फिनलैंड बाकी सभी देशों को पछाड़कर अव्वल रहा। यूएन ने यह सूची 156 देशों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बनाई है।
खुशहाली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं है, यहां क्राइम भी न के बराबर है। यहां की सरकार भी लोगों का खासा ध्यान रखती है और कई तरह की सुविधाएं लोगों को उपलब्ध कराती है जैसे कि आर्थिक सुरक्षा और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं। इस देश की इकोनॉमी फ्रांस, बेल्जियम, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों के समान है। केवल पर्यटक ही नहीं, प्रवासी भी इस देश को सबसे सुरक्षित और खुशहाल देश (World’s Happiest Country) मानते हैं। साफ-सुथरी हवा-पानी, बेहतर शिक्षा जैसे कई मानकों के चलते यूएन विगत दो वर्षों से इस देश को रैंकिंग में नंबर एक पर रखता है।
संसदीय गणराज्यीय लोकतांत्रिक देश फिनलैंड संविधान के सहारे चलता है। प्रधानमंत्री को यहां पद के हिसाब से सर्वाधिक शक्तियां प्राप्त हैं। फिनलैंड के लोग पार्लियामेंट, प्रेजिडेंट, स्थानीय निकाय, यूरोपीय यूनियन के इलेक्शन्स में वोटिंग करके अपना नेता चुनते हैं। प्रेजिडेंट विदेश नीति संभालते हैं। प्रेजिडेंट का कार्यकाल 6 साल के लिए होता है। हालांकि, यूरोपीय यूनियन में प्रेजिडेंट का कोई दखल नहीं होता है। यहां ज्यादातर गठबंधन की सरकारें शासन करती हैं।
फिनलैंड (Finland) के साउथ वेस्ट में बोथनिया की खाड़ी और साउथ में फिनलैंड की खाड़ी है। रूस का प्रभाव फिनलैंड की संस्कृति में देखने को मिलता है। इसके बावजूद फिनलैंड ने यूरोपियन करेंसी Euro को अपनाया और ऐसा करने वाला पहला नार्डिक देश बना। यहां प्राकृतिक झीलें हैं और विहंगम दृश्य यहां की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। फिनलैंड में सबसे बड़ी झील साइमा को यूरोप की चौथी सबसे बड़ी झील बताया जाता है। नॉर्थ में काफी ऊंचे-ऊंचे पहाड़ देखने को मिलते हैं और साउथ में काफी छोटे-बड़े द्वीप है। यहां काफी दिनों तक सर्दी का मौसम रहता है जिससे स्थानीय लोगों के जीवन पर व्यापक असर पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि क्षेत्रफल की दृष्टि से फिनलैंड यूरोपियन यूनियन का 8वां सबसे विशाल राष्ट्र है और सबसे कम आबादी वाला देश है। फिनलैंड की मातृभाषा फिनिश है। हालांकि, फिनिश के अलावा यहां की 5.5 फीसदी आबादी स्वीडिश भाषा में संवाद करती है। साउथ में ज्यादातर आबादी निवास करती है और राजधानी हेलसिंकी भी साउथ में ही स्थित है।
फिनलैंड (Finland) में 9,000 ईसा पूर्व तक इंसानी निवास के सबूत मिलते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, दक्षिण से आकर लोग यहां रहने लगे थे। 3000 ईसा पूर्व से यहां पर खेती होने लगी थी और पहली शताब्दी में यहां पर आकर लोग बसने लगे। इसी दौरान यहां पर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ। तभी फिन्स, कैरेलियन और तावेस्तियन समुदाय यहां प्रमुखता से विकसित हुए। 12वीं शताब्दी आते-आते स्वीडन ने अपना प्रभुत्व स्थापित शुरू कर दिया और 14वीं शताब्दी तक फिनलैंड के ज्यादातर हिस्सों पर स्वीडन का कब्जा हो गया। सबसे बेहतर बात ये रही कि फिनलैंड में सामंतवाद और दास प्रथा नहीं पनप सकी। हालांकि, स्वीडिश सभ्यता ने अवश्य यहां पर अपना प्रभाव छोड़ा।
जैसे ही 16वीं शताब्दी आई वैसे ही फिनलैंड की अपनी संस्कृति का दौर शुरू हो गया। हालांकि इसे पूर्ण रूप से अस्तित्व में आने के लिए 17वीं शताब्दी तक लग गई क्योंकि 17वीं शताब्दी तक फिनलैंड में स्वीडिश शासन कायम था। 18वीं शताब्दी के आगाज के साथ ही फिनलैंड (Finland) में स्वीडिश शासन की जड़ें प्रभावहीन होने लगी।
लेकिन फिनलैंड के लिए मुश्किलें कम नहीं हुईं क्योंकि स्वीडन के बाद अब रूस की नज़रें फिनलैंड पर थीं। ऐसे में फिनलैंड में रूसी शासन का प्रभाव पड़ने लगा। इस क्रम में फिनलैंड स्वतंत्र स्वायत्त वृहद डच क्षेत्र बना और साल 1809 में रूस से जा मिला। जिसका असर ये हुआ कि फिनलैंड में रूसी शासन हो गया। रूस के शासन के दौरान ही फिनिश को फिनलैंड की आधिकारिक भाषा बनाया गया। साथ ही हेलसिंकी देश की राजधानी बनी और फिनलैंड की अपनी सेना का निर्माण हुआ। 19वीं सदी खत्म होते-होते रूसी शासन से छुटकारा पाने के लिए फिनलैंड में संघर्ष शुरू हो गया।
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जब साल 1905 आया तो यहां कई संसदीय सुधार किए गए। लोगों को वोटिंग का अधिकार मिला। साल 1918 में फिनलैंड (Finland) रूस की क्रांति के बाद आजाद हुआ। सब कुछ ठीक होता उससे पहले ही सत्ता की चाह में गृहयुद्ध शुरू हो गया और साल 1919 में केजे स्टालबर्ग फिनलैंड के पहले प्रेजिडेंट चुने गए। दूसरे विश्व युद्ध के बाद फिनलैंड यूएन की मेंबरशिप लेकर एक तटस्थ देश बना। हालांकि शीत युद्ध में फिनलैंड रूसी प्रभाव में रहा। लेकिन एक बार फिर 1994 में नाटो का सदस्य और रूस को झटका दिया। साल 1995 में यूरोपियन यूनियन से जुड़ने के बाद फिनलैंड ने साल 1999 में यूरो को अपनी मुद्रा के रुप में चुना।
साल 1950 तक फिनलैंड (Finland) में बड़े स्तर पर खेती होती थी। यहां की प्रमुख फसलें गेंहू, जौ, आलू आदि थे। लेकिन सोवियत यूनियन के प्रभाव से यहां इंडस्ट्रियलाइजेशन हुआ और यहां मेटल, धातु, मशीनें, हथियार, औजार, जहाज विनिर्माण, कपड़े, कागज, तकनीकी सामान जैसे उद्योग-धंधे फलने-फूलने लगे। इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था में भी तेजी आई। काफी संघर्षों के बाद आज फिनलैंड की छवि एक लोक कल्याणकारी देश की है। यहां की बेहतर शिक्षा प्रणाली, अर्थव्यवस्था, लाइफस्टाइल फिनलैंड को वैश्विक स्तर पर सम्पन्न देशों में शामिल कराती है। ऐसे ही मानकों के चलते लोग इस देश में बसने के सपने संजोते हैं।