नर्मदा नदी के वे तथ्य जिन्हें जानकर आप रह जायेंगे हैरान
नर्मदा नदी भारत की सात पवित्र नदियों में से एक है जिसका माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को धरती पर अवतरण पर हुआ था|
नर्मदा नदी को रेवा नदी के नाम से भी जाना जाता है| भारतीय पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है|
लगभग सभी नदियाँ पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है लेकिन नर्मदा नदी इसके विपरीत यानि पूर्व से पश्चिम की और बहती है|
नर्मदा नदी को कुंवारी नदी अर्थात बिना ब्याही माना जाता है| इस नदी का किसी भी समुन्द्र से संगम नहीं होता है बल्कि यह खंभात की खाड़ी में विलीन हो जाती है|
यह नदी दो राज्यों मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा मानी जाती है| इन राज्यों में सिंचाई के लिए नर्मदा नदी के पानी का यूज़ किया जाता है|
नर्मदा नदी को शंकरी नदी भी कहा जाता है|
मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर बसे आदिवासी अंचलों के लोग नर्मदा नदी को मोठी माई यानी बड़ी मां के नाम से पुकारते है।
बहुत से धर्म ग्रंथों और लोगों का मानना है कि नर्मदा नदी का दर्शन करने से गंगा स्नान के बराबर पुण्य मिल जाता है|
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